हर हर महादेव मित्र, महादेव के किसी भी स्तोत्र और मंत्र को संस्कृत मे सुनने पर मन मे जैसे ऊर्जा जग जाती है। जैसे शिव तांडव, और ‘रुद्राष्टकम’ मेरे पसंदीदा यह आपके लिए महादेव के कुछ संस्कृत मंत्र और उसके हिन्दी इंग्लिश अर्थ भी लिखे है। इस पोस्ट में Mahakal जी के भक्तो के लिए Mahadev Sanskrit mantra, Sanskrit shlok mantra mahakal और महादेव जी के संस्कृत मंत्र जिसे आप महादेव की आराधना कर सकते है। महादेव की भक्ति से मन में सुकून और आत्म निर्भर होने की ताकत मिलती है। आज इस पोस्ट में आप महादेव जी के दीवानो के लिए कुछ संस्कृत में और कुछ हिंदी में स्टेटसऔर शायरी लाये है, यहाँ हर श्लोक का मतलब और अर्थ भी लिखा गया है, कमेन्ट मे हर हर महादेव जरूर लिखे।
Mahakal Sanskrit Shloka And Mantra:
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो॥Hindi Meaning:
ना ही मैं योग जनता हूँ, और ना ही जप और पूजा पाठ। हे प्रभु (महादेव ) मैं तो आपको बार बार नमस्कार करता हूँ, बुढ़ापा जन्म और मृत्यु के कष्टों से दुखी मेरी दुखो से रक्षा कीजिये। हे प्रभु (महादेव) मैं आपको नमस्कार करता हूँ।English Meaning:
I don’t know how to practice yoga, nor do I know how to chant or perform rituals. O Lord (Mahadev), I bow to you again and again. I am troubled by the pains of old age, birth, and death. Please protect me from my sorrows.
O Lord (Mahadev), I bow to you.
#JAY BABA MAHAKAL
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥
ॐ नमः शिवाय
मृत्युंजायाय रुद्राय नीलकंठाय शंभवे l
अमृतेशाय शर्वाय महादेवाय ते नम: ll
|| ॐ महाकालाय नम: शिवाय ||
महादेव क्षमा मंत्र: MAHADEV MANTRA SHLOK
‘कर-चरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम,
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व,
जय-जय करुणाब्धे, श्री महादेव शम्भो॥’Hindi Meaning:
हाथों, पैरों, वाणी, शरीर, कर्म और कर्णों से, अथवा अपने नेत्रों से व मन से भी हमने जो अपराध किए हों, वे विहित हों अथवा अविहित, उन सबको है करुणासागर महादेव शम्भो! क्षमा कीजिए। हे करुणानिधन जगत पति महादेव आपकी जय हो, जय हो।
ॐ मस्तक चन्द्रमा सोहे, गंग जटा के बीच,
श्रद्धा से शिवलिंग को, निर्मल जल मन से सीच !!
भोले भंडारी महाकाल की जय
ब्रह्म अनामय अज भगवंता,
ब्यापक अजित अनादि अनंता।
#कण-कण में महादेव
रूद्र गायत्री मंत्र Mahadev Shivratri mantra:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र: Mahamrityunjay mantra: mahakal bio in sanskrit
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात् ।।महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ:
त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला।
यजामहे – हम पूजा करते है।
सुगंधिम- मीठी महक वाला।
पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति / जीवन की परिपूर्णता।
वर्धनम- वह जो पालन करता है / शक्ति देता है।
उर्वारुक- ककड़ी।
इवत्र- इस तरह।
बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
मृत्यु- मृत्यु से।
मुक्षिया, मुक्ति दें।
अमृतात- अमरता /मोक्ष।सरल अनुवाद:
इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।
सम्पूर्ण महामृत्युंजय मंत्र’ Mahadev Mahamrityunjay mantra Status:
ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः,
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ’ ।।
ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।।Hindi Meaning:
हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव! मे आपकी शरण मे आया हु मेरी रक्षा करें।
मैं जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा, रोग और कर्म के बंधनों से पीड़ित हूँ।English Meaning:
O Lord Mahadeva, the conqueror of death! You protect me as I have come to your refuge.
I suffer from the bonds of birth, death, old age, disease, and karma.
BABA VISHWANATH SANSKRIT SHLOK:
गंगा तरंग रमणीय जटा कलापं
गौरी निरंतर विभूषित वाम भागं
नारायण प्रियमनंग मदापहारं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम्॥Hindi Meaning:
जो गंगा की तरंगों से सुशोभित जटाओं वाले हैं, जिनके वाम भाग (बाईं ओर) में सदा माता गौरी (पार्वती) विराजमान हैं, जो नारायण (भगवान विष्णु) के प्रिय हैं और कामदेव के मद (अहंकार) को नष्ट करने वाले हैं, ऐसे वाराणसी के अधिपति, भगवान विश्वनाथ की मैं वंदना करता हूँ।English Meaning:
He whose matted locks are beautified by the waves of the Ganges,
He who is eternally adorned on the left side by Goddess Gauri (Parvati),
He who is beloved of Lord Narayana and the destroyer of the pride of Kamadeva (the god of love),
I worship Lord Vishwanath, the Lord of Varanasi.
Mahakal Status In Hindi: Mahakal status for instagram
● महाकाल की सेवा जिसको मिले सबसे बड़ा धनवान है वो….
महाकाल की लगन जिसको लगी किस्मत वाला इंसान है वो।
जय श्री महाकाल
● सिर उठा के चलते है, महादेव के मेहरबानी है…
भोलेनाथ की भक्ति करना मेरे जीवन की कहानी है।
● जटा कारी भस्म धरी नीलकंठ त्रिपुरारी है,
तांडव कारी, क्रोध धारी, हर हर महादेव भोले भंडारी है।
● सबसे बड़ा तेरा दरबार है ,
तू ही सबका पालनहार है …
सज़ा दे या माफ़ी दे,
महादेव तू ही हमारी सरकार है।
● ॐ अवदात नहीं किसी से,
ना टूटी तक़दीर है
महाकाल के भक्त है
हम ये हमारे माथे की लकीर है।
● ॐ ऊँचे कैलास पर है डेरा डाला,
अद्भुत अनुपम रूप निराला,
जटा में गंगा, नीलकंठ त्रिशूल धरी है,
त्रिपुरारी महादेव भक्तो पर कृपा करि है।
● सच्चे मन से पूजा सिव को,
कस्ट काटेंगे तन मन जीवन के।
● अंगारों से श्रृंगार कर, तांडव करें प्रचंड,
महाकाल के दास हैं, तीन लोक नौ खंड..
शक्ति अग्नि रूप है, शिव शम्भू महाकाल,
शव में शिव का वास हो, शैशव बने त्रिकाल..
महादेव [mahadev mantra sanskrit quotes]:
ॐ त्र्यम्बकं य्यजामहे सुगन्धिम्पतिवेदनम्।
उर्व्वारूकमिव बन्धनादितोमुक्षीय मामुत:।।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥
‘रुद्राष्टकम’ Rudrashtakam Shlokas Sanskrit:
भगवांन शिव बहुत जल्द ही अपने भक्तो पर प्रसन्न ही जाते है इसलिए उन्हें “आशुतोष” कहा जाता है। भगवान शिव जी का श्लोक पढ़ने में जितना मनोहक होता है उतना सुनाने में भी निचे ‘रुद्राष्टकम’ से लिए गए कुछ श्लोक है जो बहोत मनमोहक है।
‘रुद्राष्टकम मंत्र अर्थ’ Rudrashtakam shlokas mahadev:
१.नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।।अर्थात –
हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईश्वर, और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं. निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं।
२. निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं । गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकालकालं कृपालं । गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्।।अर्थात –
हे निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय अर्थात तीनों गुणों [वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों ]से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूं।
३. तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं । मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा । लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा।।अर्थात –
जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चन्द्रमा और गले में सर्प सुशोभित है।
४. चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं । प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं । प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि।।अर्थात –
जिनके कानों में कुण्डल शोभा पा रहे हैं. सुन्दर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकण्ठ और दयालु हैं. सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं, उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूं उनको नमन करता हूँ।
wish you a happy shravan mash
mahadev ma bhakto ne shravan mas ni khub-khub subheksha
happy shravan mas
welcome our instadailystuff
#JAY BABA MAHAKAL
● ब्रह्म अनामय अज भगवंता,
ब्यापक अजित अनादि अनंता।
#कण-कण में महादेव
har har mahadev