[अपना गाँव ] Gaon Par Shayari 35+ Village Shayari

Gaon par shayari

यह पोस्ट आपको गाँव की सादगी और खूबसूरती का एहसास दिलाएगी, कुछ कोट्स और शायरी गाँव के लिए, Gaon par shayari, देश आज आधुनिक युग की तरफ तेजी से अग्रसर होता जा रहा है, लोगों की जरूरतें और सुख सुविधाओं के कारण लोग गाँवों  से सहर की आकर्षित हो रहे है एक तरह शहरों की आबादी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ गाँवों में लोग कम होते जा रहे है।

लेकिन जब बात सुकून और जीवन में खुशहाली की होती है तो अपने गाँव की याद आने लगाती है, सच मनो तो सहर से अच्छा गांव लगता है सुविधाएं  थोड़ी कम जरुर है मगर गाँव की ताजी हवा, शांति और सहर के प्रदुषण से दूर, लोगों का आपसी प्रेम, पुराने संस्कार, अगर आप गाँव में रहे होंगे तो आपको ये सब बताने की जरुरत नहीं गाँव में साफ़ और सादगी का जीवन बड़ा ही प्यारा होता है।

इस पोस्ट में आपके लिए गाँव की याद में कुछ शायरी और कोट्स लिखे है जो आपको अपने गाँव की याद दिलाएंगे, गांव पर शायरी, गाँव पर शायरी Gaon par shayari, gaon ki shayari, village shayari in hindi, Gaon ki purani yaadein, gaon ki ladki ki shayari, gaon ka pyar, village lover status. Apana gaon shayari.

GAON PAR SHAYARI [गांव पर शायरी ]

 

 

 

 

सहर ही हलचल से दूर
यहाँ मन को आराम है
घर तो अपना गाव में ही है जनाब
सहर में तो बस मकान है।

 

Gaon Par Shayari

 

   सहर घूमता है काले चश्मे लगाकर
गाँव अब भी नज़र मिला लेता है,
सहर बीमार होता है दवाओं से
गांव बीमारी में भी खुद को झिला लेता है,
सहर के घर से लोग खाली हाथ लौट जाते है
गांव के लोग बर्तन भी खाली नही लौटते है।

 

 

गाँव में पला था
सहरों से बस सपने में मिला था !
तरक्की मिली
पैसे भी बहोत मिले…
पर आज तक कोई अपना ना मिला !!

 

माँ की कहानियाँ, वो लोरी की धुन,
माँ के आंचल में, था सारा सुकून
पैसे कमाने हम बाहर आए हैं,
माँ के बिना हमने सालों बिताए है। 

 

मैं गाँव का ठहरा,
सहरों में रहने की आशा थी,
जब सहर पंहुचा
वहां अपनों की तलाश थी !!

 

गाँव सी सादगी सहर में ना मिल पायेगी
किसी दर्द की दावा जहर में ना मिल पायेगी।

 

सहर की गर्मी में वो छांव याद आता है,
मस्ती में बिता जहाँ बचपन वो गाँव याद आता है।

 

ना कोई मतलब ना कोई प्रेम व्यवहार है
अनजान है लोग अपनो से सहर में…. 
ना जाने पड़ोस में किसका मकान है।

gaon shayari status

सहर की मिटटी में वो जान कहाँ जनाब
हम तो गाँव की मिट्टी पानी में खेलकर ठीक हो जाया करते थे।

 

GAON KI PURANI YAADEIN | GAON KI YAAD

वो घुमा तो रहा है धरती को
फिर भी ये इन्सान भागता क्यू रहता है ।

 

बगिया में खेलते, धूल में लिपट जाते,
वो बचपन के दिनों के बस ख्वाब आते हैं..
मिट्टी के घर बनाकर खेल करते थे हम ,
एक घर बसाने हम सहर आए हैं ।

 

लहलहाते खेतों, और हवाओं की ताजगी से
मन शांत लगा,
फिर से गाँव अपना और सहर अनजान लगा।

 

Gaon ki purani yaadein

 

किताबों की पढाई में सहर जरुर बड़ा होगा
पर संस्कार तो आज भी गाँव के अच्छे है।

 


यह भी देखे:-

 

वो सहर से नजदीक है पर दूरियां बहोत है,
गाँव के लोग खुश है मगर मजबूरियां बहोत है।

 

मीठी बोली ही सान थी
एकता से लोगों की पहचान थी,
पर अब गाँव बड़ा परेशान दिखा
यहाँ घरों के बिच में मुझे कुछ मकान दिखा।

 

टपकती है छत जिसके घर की
वो किसान फिर भी बारिश की दुआ मांगता है।

 

मतलबी लोगो और तेरे आराम से अच्छा है
थोड़ी तकलीफ सही
पर अपना गाँव, सहर से अच्छा है।

 

गाँव की बातें VILLAGE STATUS IN HINDI FB

 

 

पैसे देखकर रंग फिसलता नहीं है,
गाँव का इश्क है ज़नाब
हर रोज बदलता नहीं है।

 

 

 

GAON KA PYAR, VILLAGE LOVE, GAON KA IShq

 

दरवाजों से छुपकर देखती है
फिर अनजान बन जाती है
गाँव का इश्क है जनाब
सहर की नौटंकियाँ नहीं।

 

पहले बारिश में मिट्टी की खुसबू सहर में नहीं आती
जो मन और तन दोनों को निर्मल कर जाती है।

 

कुछ जिम्मेदारियां मजबूर कर देती है वरना कौन अपनी मिट्टी में जीना नहीं चाहता।

 

वहां की हवा से परेशान लगते है
ये परिंदे अब सहर में नजर नहीं आते।

 

GAON SHAYARI IN HINDI | GAON PAR SHAYARI

 

सहर जाकर बस गए वो आराम और पैसों की आश में
ख्वाहिशों ने उनकी मेरा पूरा गाँव खाली कर दिया।

 

Gaon par shayari

 

 

 

 

यहाँ मौसम अपने रंग बदलते है लोग नहीं
“अपना गाँव “

 

हवाओं में ताजगी हर पल बचपना सा लगता है,
सहारों से पहचान है अपनी
मगर गाव अपना सा लगता है।

 

कुछ मजबूरियां होती है दोस्त
वरना कौन अपना गाँव छोड़ना चाहता है।

 

बेशक आराम की जिंदगी सहरों में मिल जाएगी
मगर सुकून बस गाँव में ही आएगी।

 

चन्द दिनों का इश्क हम करते नहीं
गाँव के आशिक है जनाब हर किसी पे मरते नहीं।

 

हर मुश्किलें आसान हो जाती है.
वर्षों के तजुर्बे
आज भी बुजुर्गों से लिए जाते है।

 

गाँव में त्यौहार, त्यौहार सा लगता है
जब पूरा गाँव एक परिवार सा लगता है।

 

 घर ना जाऊं किसी के तो लोग रूठ जाते है
अपने पन की तहजीब गाँव में आज भी बाकि है ।

 

ये इत्तेफाक है या प्रकृति का कोप बरस रहा है 
गाव उजाड़ कर सहर बसे थे 
आज सहर ताज़ी हवा के लिए तरस रहा है ।

 

अगर आपको भी गाँव में रहना पसंद है तो अपने गाँव की कुछ खास बात हमें कमेंट में बताये इस पोस्ट में हमने आपके लिए Gaon Par Shayari, Gaon ki shayari, Village shayari in hindi, Gaon ki yaadein, लिखी है जो आपको जरुर पसंद आयी होगी इसे आप अपने दोतों के साथ शेयर कर सकते है एसी ही बेहतरीन शायरी के लिए विजिट करे।

 

यह भी पढ़िए:-

 

13 thoughts on “[अपना गाँव ] Gaon Par Shayari 35+ Village Shayari”

  1. बहुत ही अच्छा लिखा है आपने, दिल और दिमाग को सुकून पहुंचाने वाले शब्द, लिखते रहे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top