यही बनारस काशी है…
अद्भुत भी महान भी,
धर्म भी विज्ञानं भी,
सनातन भी सम्मान भी,
निर्मल घाट और शमशान भी,
भागीरथी और भगवान भी,
अद्भुत और मनभावन है,
धरती पर स्वर्ग सा पावन है
यही बनारस काशी है…
यही बनारस काशी है…
भाषाओं का ज्ञान भी
विद्या में धनवान भी,
अद्वितीय और अविनाशी है,
भोलेनाथ निवाशी है,
मनमोहक शिवकाशी है,
बाबा की नगरी काशी है
यही बनारस काशी है…
यही बनारस काशी है…
…(Admin)
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मैं काशी हूं, मैं काशी हूं…..
मेरे तट पर जागे कबीर, मैं घाट भदैनी तुलसी की
युग-युग के हर जग बेटे की माता हूं मैं हुलसी सी,
मंगल है मेरा मरण-जनम, सौ जन्मों का आनंद हूं मैं,
कंकर-कंकर मेरा शंकर, मैं लहर-लहर अविनाशी हूं ||
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं…..
…..कुमार विश्वास
very good m inspired your thinking
Thank you Dost.