आप स्वयं श्रीवास्तव को भले ही नया जानते हो पर एन्की शायरी आए कविता आप तक जरूर पहुंची होगी । यहा हमने आपके लिए swayam srivastva ki shayari और कविता लिखी है। swayam srivastava status, swayam srivastava instagram shayari
स्वयं श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले है। अपने मनमोहक शायरी अंदाज से सोशल मीडिया के हर स्टैटस मे छाए हुए हैं। स्वयं श्रीवास्तव को सुनना खुद के भावनाओं से जुड़ा हुआ लगता है।
Swayam Srivastava Shayari Status:
एक शख्स क्या गया की पूरा काफिला गया
तूफ़ा था तेज पेड़ को जड़ से हिला गया,
जब सल्तनत से दिल की ही रानी चली गई..
फिर क्या मलाल तख्त गया या किला गया ।
Ek shakhs kya gaya ki pura kafila gaya
Tufaa tha tej ped ko jad se hilaa gaya,
Jab saltanat se dil ki hi rani chali gayi…
Fir kya malal Takht gaya yaa kila gaya.
किस्मत मे कोई रंग क्या धानी भी लिखा है
बस हरफ ही लिखे हैं या मानी भी लिखा है
सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी
बस प्यास भी लिखी है की पानी ही लिखा है।
Kismat me koi rang kya Dhani bhi likhi hai,
Bas Harf hi likhe hai yaa mani bhi likha hai…
sukha juban jindagi se puchhane lagi
Bas pyas bhi likhi hai ki pani bhi likha hai.
पत्थर की चमक है न नगीने की चमक है
चेहरे पे सीना तान के जीने की चमक है,
पुरखों से विरासत मे हमें कुछ न मिला था
जो दिख रही है खून पसीने की चमक है ।
Patthar Ki chamak hai n nageene ki chamak hai
Chehare pe sina taan ke jine ki chamak hai,
Purakho se Virasat me hame kuch n milaa tha
Jo dikh rahi hai khoon pasine ki chamak hai.
Swayam Srivastava Love Shayari Hindi:
किस्मत की बाजियों पर इख्तियार नहीं है
सब कुछ है जिंदगी मे मगर प्यार नहीं है,
कोई था जिसको यार करके गा रहे हैं हम
आखों मे किसी का अब इंतजार नहीं है।
Kisamat ki baji par Ekhtiyaar nahi hai
Sab kuchh hai Zindagi me magar pyar nahi hai,
koi tha jisako Yaad karke gaa rahe hai ham,
Akhon me kisi ka ab entajar nahi hai.
जंगल जो जलाए थे उनमे बस्तियां भी थी
काटों के साथ फ़ूल पे कुछ तितलियाँ भी थी,
तुमने तो गला घोंट दिया तुमको को क्या एहसास
इसमे किसी के नाम की कुछ हिचकियां भी थी ।
jangal jo jalaye the uname bastiyan bhi thi
Katon ke sath phool pe kuch titaliyan bhi thi,
Tumane to gala ghot diya Tumako kya Ehasash
Ename kisi ke naam ki Hichkiyan bhi thi.
मुझको नया रोकिए, ना ये नजराने दीजिए
मेरा सफ़र अलग है मुझे जाने दीजिए,
ज्यादा से ज्यादा होगा ये की हार जाएंगे…
किस्मत तो हमें अपनी आजमाने दीजिए।
Mujhako naa rokiye, Naa ye najarane dijiye
Mera safar alag hai mujhe jaane dijiye
Jyada se jyada Hoga ye ki haar jayenge
Kismat to hame apani aajmane dijiye.
मुश्किल थी सम्हालना ही पड़ा घर के वास्ते,
फिर घर से निकालना ही पड़ा घर के वास्ते.
मजबूरीयों का नाम हमने शौक रख दिया,
हर शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते ।
बचपन को भुलाकर, लगाया काम गले से,
स्वीकार किया वक्त का इनाम गले से,
ठोकर लगी जब तेज से तो गिर पड़े लेकिन,
गिर-गिर के भी उठना ही पड़ा घर के वास्ते।
अनजान डगर थी मगर चलते रहे हर दिन
मंजिल दिखेगी सोचकर आएगा एक दिन
विश्वास खो रहा था, कहीं दूर थी मंजिल,
विश्वास जगाना भी पड़ा घर के वास्ते।
न साथ था कोई, न ही दिखता था घर मेरा,
उस दिन के ऊजाले में भी लगता था अंधेरा,
रहने लगे कमरे में उसको घर बना लिया,
और घर को भूलना ही पड़ा घर के वास्ते।
Muskil thi smhalna hi pada ghar ke vaste,
Fir ghar se nikalana hi pada ghar ke vaste,
Majabooriyo ka naam hamane shauk rakh diya
Har shauk badalana hi pada ghar ke vaste.
SAD LOVE SHAYARI OF SWAYAM SRIVASTAVA:
जिस रास्ते पे चल रहे उस पर हैं छल पड़े
कुछ देर के लिए मेरे माथे पर बल पड़े
हम सोचने लगे की यार लौट चलें क्या !!
फिर सोचा यार चल पड़े तो चल पड़े..
Jis raste pe chal rahe us par chhal pde..
Kuchh der ke liye mere maathe pr bal pade,
Ham sochane lage ki yaar laut chale kye!
Fir soche yaar chal pade to chal pade.
उस दिन जो हुआ कुछ भी था अपराध नहीं था,
उस वक्त हमे और कुछ भी याद नहीं थी ,
दोनों के लब पे जैसे कोई आग रक्खी थी
दोनों को कोयले का कोई स्वाद नहीं था ।
जो याद तेरे पाव की जंजीर बनी है,
वो याद मेरे हाथ की लकीर बनी है…
की पानी जो उसी चाँद पे ढूँढे नहीं मिला
पानी पे उसी चंद की तस्वीर बनी है ।
Jo yaad tere paon ki janjeer bani hai
Vo yaad mere sath ki lakir bani hai,
Ki paani jo usi chand pe dundhe nahi mila
Paani pe usi chand ki tasweer bani hai.
Swayam Srivastava Hindi Status Poem:
हालत बदलने से ये दस्तूर हो गए,
साझा थे जीतने ख्वाब चकनाचूर हो गए
तेरा भी किसी बाह के घेरे मे घर हुआ..
हम भी किसी की मांग का सिंधुर हो गए ।
काटें बना रहे हैं कोई गुल बना रहे
कुछ लोग काही काक को बुलबुल बना रहे,
तुम रास्तों को खाई मे तब्दील कर रहे ..
हम लोग उन्ही खाइयों पे पुल बना रहे ।
Bahut shandar sir ji
dhanywad bhai
Super sir
एक शख्स क्या गया की पूरा काफिला गया तूफ़ा था तेज पेड़ को जड़ से हिला गया, जब सल्तनत से दिल की ही रानी चली गई.. फिर क्या मलाल तख्त गया या किला गया ।
Waah
U are irreplaceable sir
U are irreplaceable sir, no one can take your place.. God bless you always sirji
मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते,
और घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते,
मजबूरियों का नाम हमने शौक रख दिया,
और शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते!
बचपन को भुलाकर, लगाया काम गले से,
स्वीकार किया वक्त का इनाम गले से,
ठोकर लगी जब तेज से तो गिर पड़े लेकिन,
गिर-गिर के भी उठना ही पड़ा घर के वास्ते!
अनजान डगर थी मगर चलते रहे हर दिन
मंजिल दिखेगी सोचकर आएगा एक दिन
विश्वास खो रहा था, कहीं दूर थी मंजिल,
विश्वास जगाना भी पड़ा घर के वास्ते!
न साथ था कोई, न ही दिखता था घर मेरा,
उस दिन के ऊजाले में भी लगता था अंधेरा,
रहने लगे कमरे में उसको घर बना लिया,
और घर को भूलना ही पड़ा घर के वास्ते
Heart touching line hai sir
Dil ka Dard baya kiya hai aap ne
Sir your are great❤