bachpan par shayari, गाँव की यादों पर शायरी,आज हमे अपना बचपन कितना याद आता है, किसी बच्चे को खेलते हुए देखकर सब पुरानी बातें याद आती की काश वो दौर फिर से आता। बस एशे ही कुछ पलों को याद करके आपके लिए बेहतरीन Quotes लिखे है जिसे अपने दोस्तों के टैग करके लगाए जिसके साथ आप बचपन से हो।
Bachapan ki Yaden: Bachpan Shayari Quotes:
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
सारा गाँव अपना साम को वापस घर।
मेरे अंदर का बचपना अभी गया नहीं है जनाब,
कभी-कभी मोहल्ला रूठ जाता है मेरी हरकतों से।
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
समाज की कैद मे पड़ा ये परिंदा है
मिलों कभी सिद्दत से मेरे अंदर का बचपना अभी जिंदा है ।
फिर से मुझे मिट्टी मे खेलने दे ए जिंदगी,
ये साफ-सुथरी जिंदगी मिट्टी से ज्यादा गंदी है ।
बचपन की अमीरी का अंदाजा नहीं होगा जनाब,
आसमान मे जहाज और पानी मे मेरे नाव चला करते थे ।
आज मेले के सारे खिलौने खरीद सकता हूँ
पर उनसे खेल नहीं सकता ।
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था..
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था..!!
बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें,
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।
गाँव का बारिश अब सुना लगता है
बच्चों ने मोबाईल से दिल लगा लिया है ।
उम्र-उम्र की बात होती है जनाब
सरारत करने वाले बच्चें आज साजिस करना सिख गए ।
हम बचपन मे मोबाईल खोजते थे
आज बच्चे, बचपना मोबाईल मे खो रहे है ।
Bachpan Shayari 2 Line:
बचपन की मासूमियत:
बगिया में खेलते, धूल में लिपट जाते,
वो बचपन के दिनों के बस ख्वाब आते हैं..
मिट्टी के घर बनाकर खेल करते थे ,
एक घर बसाने हम सहर आए हैं ।
गाँव का सुकून:
पहली बारिश में, वो मिट्टी की महक,
खलिहानों में भागते, वो दोस्ती की चहक,
अब शहर की भागदौड़ में, खो गई वो खुशबू,
गाँव की यादें ही अब दिल का सुकून।
मोहल्ले का खेल:
कभी पतंग उड़ाते, कभी छुपम-छुपाई,
मोहल्ले के खेल में, सुबह से सायं हो आती थी
अब तो बस यादें ही, रह गईं हैं पास,
सोचता हु बचपन के बीते दिन लौट क्यों नहीं आती ।
बारिश की बूंदें:
बारिश की बूंदों में, मिट्ठी की महक थी,
मिट्टी में खेलते,
अब बस खिड़की से, देखते हैं वो नज़ारे,
बचपन की वो बारिश, अब कहां हैं प्यारे।
मिट्टी की खुशबू:
मिट्टी की खुशबू, वो गाँव की राहें,
खेलते थे धूल में, ना कोई परवाहें
अब शहर की सड़कों पर, खो गए वो दिन,
बचपन की वो मासूमियत,
अब बस एक सपना बन।
माँ की ममता:
माँ की कहानियाँ, वो लोरी की धुन,
माँ के आंचल में, था सारा सुकून
हम कमाने जो सहर आए है
अब मा से बस बात ही हो पाती है ।