बनारस नगरी नाम सुनते ही जैसे मन में अलग ही आस्था उत्पन्न हो जाती है, यह पावन नगरी कितनी पुराणी और धार्मिक है जिसकी कल्पना हम कर सकते है हमारे आदि पुराणों में की गयी है, पहले काशी फिर बनारस और फिर वाराणसी और भी नामो में इसे जाना जाता है बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से यह नगरी महादेव की नगरी कही जाती है इस पोस्ट में हम बनारस पर कुछ शायरी और कविता पढेंगे जो आपकी बनारस के साथ आस्था को और बढ़ा देगा Shayari On Banaras, Banaras Ki Shayari In Hindi. Poem on varanasi in hindi, assi ghat quotes, Banaras, Ganga ghat quotes in hindi, kashi banaras shayari, baba kashi vishwanath shayari माँ गंगा का पावन मोक्ष्दयानी जल और शांत आनंदमयी धाटों का अनुभव कितना मनमोहक होता है सायद आप लोग जानते होगे, बनारस की कुछ अलग ही रहस्य है जो हर सहर से भिन्न है, बनारस की साड़ियाँ, यहाँ का प्रशिद्ध पान पुरानी विरासतों का सहर चार विस्व्प्रशिध विस्वविध्यालय और भी बहुत कुछ जो बनारस को ख़ास बनाता है।अगर आप भी बनारस से है तो हमें कमेंट करे अपनी राय हमें जरुर बताये आपको यह पोस्ट कैसी लगी।
BANARAS KI SHAYARI IN HINDI: (बनारसी इश्क़)
अपना हाल अपना मिजाज सब भूल जाते है
इ बनारस है गुरु
यहाँ सब ठेठ में ही बतियाते है।
होंगे तुम्हारे यहाँ बेड-टी और काफ़ी के दीवाने
सुबह-ए-बनारस की सुरुवात मस्त चाय से होती है।
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
मैं सड़को पे लगता जाम प्रिये
तुम बाबा विश्वनाथ सी आस्था
मैं पत्थर पर पीसता भांग प्रिये।
हर ठाट – बाट बना_रसिया
सुकून की हर घाट बना_रसिया
मन में विस्वाश बना_रसिया
दिल के जज्बात बना_रसिया।
बनारस की साम में मैं अपने दिल को बहला लूंगा
धीरे-धीरे ही सही पर तेरी यादों को भुला दूंगा।
मैं बैठा रहूँ गलियों में
और तेरा दीदार हो जाय
डर है मुझे इस बात का
कही फिर ना मुझे प्यार हो जाय।
बनारस से आस्था है
बनारस से दिल का लगाव है,
हम बनारसी है गुरु हमपर बाबा का आशीर्वाद है।
- हमने तेरे सहर की रौनक भी देखि है पर बनारसी ठाट के आगे सब फीका है।
- तू साम बनारस की दृश्य मैं तुझे देखने को बेक़रार।
- काशी तेरी नगरी तू ही सबका नाथ, जय भोलेनाथ जय-जय भोलेनाथ।
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BANARAS KI SHAYARI: ASSI GHAT QUOTES
मोहब्बत ढूढने निकले थे जनाब
कुछ लम्हे याद आ गए
वो लम्हे फिर से बिताने हम
अस्सी घाट आ गए।
कैसे कोई किस्सा लिख दू…
बनारस तो अनंत कहानी है,
हम भी बनारस के है गुरु
हमारी खुद कई कहानी है।
आज बैठ गया गंगा के घाटों पर
बनारस की मस्ती में गुम गया,
ना तेरा इश्क़ यार रहा
इश्क़ के सारे किस्से भूल गया।
सब कुछ भूल कर यही के रह जाओगे
दिल का एक टुकड़ा बनारस ही छोड़ आओगे।