राधा अष्टमी का व्रत बहुत पुण्य माना  जाता है  आज के दिन  राधा जी की  पूजा, सेवा की जाती  है । 

अष्टमी तिथि 22 सितंबर दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से  23 सितंबर यानी आज दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर होगा. 

राधा अष्टमी का व्रत 1000 एकादशी व्रत के बराबर माना जाता है । 

राधाजी के माता का नाम कीर्ति और -पिता वृषभानु जी थे । 

राधा जी बरसाना की थीं। पर इनका जन्म मथुरा के रावल गांव में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को हुआ था.

श्रीमद् देवीभाग्वत् और पुराणों मे श्री कृष्ण ने खुद कहा है, राधा उनकी आत्मा हैं।  और उनके नाम से वो दौड़े चले आते है । 

अष्‍टाक्षर राधामंत्र:  1-ऊं ह्नीं श्रीराधिकायै नम:। 2- ऊं ह्नीं श्रीं राधिकायै नम:।

भगवान नारायण द्वारा श्रीराधा की स्तुति:  नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी। रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।।

करोड़ों  कामदेव जिनकी आभा के आगे फीके पड़  जाते है, ऐसे श्री कृष्ण, राधा जी की एक मुस्कान पर मोहित हो जाते है ।